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भारतीय लागत लेखा सेवा
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1978 में, भारतीय लागत लेखा सेवा का गठन किया गया और 1982 में भर्ती नियम अधिसूचित किए गए।
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व्यावसायिक लागत/चार्टर्ड एकाउंटेंट वाली इकलौती लेखा सेवा।
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मुख्य सलाहकार लागत एक प्रबंधन प्राधिकारी और संवर्ग का केन्द्रीय भंडार है।
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विभिन्न मंत्रालयों/विभागों जैसे आर्थिक कार्य, राजस्व, वाणिज्य, कम्पनी कार्य, रक्षा, रसायन एवं उर्वरक, उद्योग, कृषि,
उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण आपूर्ति, राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण, सूचना एवं प्रसारण आदि के 31
प्रतिभागी कार्यालय।
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भूमिका
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केन्द्र और राज्य सरकारों/विभागों के प्रयासों को पूरा करनाः
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निधियों के आबंटन और निगरानी, लागत नियंत्रण और लागत में कटौती और दक्षता तकनीकों के माध्यम से संसाधनों का इष्टतम उपयोग।
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राजस्व के पारदर्शी मूल्यांकन और कर चोरी तथा व्यावसायिक धोखाधड़ी रोकने में राजस्व प्राधिकारियों की सहायता करना।
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वस्तुओं और सेवाओं के उचित मूल्य निर्धारण में।
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उद्योग, उपभोक्ताओं और निवेशकों की अनुचित/प्रतिबंधित व्यापार पद्धतियों से सुरक्षा करना।
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पाटन रोधी तंत्र
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प्रिडेटरी मूल्य निर्धारण
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प्रभुत्व का दुरूपयोग
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लागत और संबंधित वित्तीय प्रबंधन मामलों पर परामर्श देना।
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