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वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय
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मुख्य सलाहकार लागत के कार्यालय के संबंध में वर्ष 2008-09 के लिए वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट से उद्धरण
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1. मुख्य सलाहकार लागत (सी ए सी) का कार्यालय, लागत लेखा मामलों पर मंत्रालयों तथा
सरकारी उपक्रमों को सलाह देने के लिए उत्तरदायी है। मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय एक प्रभाग है जो कि व्यय विभाग में कार्य कर रहा है। यह एक
व्यावसायिक दक्षता प्राप्त निकाय है जिसके कर्मचारी लागत/सनदी लेखाकार हैं।
2. मुख्य सलाहकार लागत, लागत निर्धारण तथा मूल्य निर्धारण संबंधी मामलों, उचित मूल्यों
को निर्धारित करने के लिए और उनके लिए लागत जांच करने के लिए औद्योगिक स्तर पर अध्ययनों, उपभोक्ता प्रभारों पर अध्ययनों, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क
कटौती मामलों, परियोजनाओं का लागत-लाभ विश्लेषण, लाभकारी विश्लेषण को डील करते हैं तथा भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों के लिए लागत एवं
वाणिज्यिक वित्तीय लेखांकन को विकसित करने वाले आधुनिक प्रबंधन उपकरणों को लागू करते हैं।
3. इसकी स्थापना पहले उत्पादन की लागत के सत्यापन और रक्षा खरीद सहित सभी तरह के
सरकारी खरीद के उचित बिक्री मूल्य के निर्धारण के लिए की गई थी। इस कार्यालय की भूमिका को और विस्तार देते हुए प्रशासित मूल्य मैकेनिज्म (ए पी एम)
के अंतर्गत आवश्यक सामग्री अधिनियम के तहत आने वाली वस्तुओं जैसे कि पेट्रोलियम, इस्पात, कोयला, सीमेंट आदि की कीमत निर्धारण करने में इसके
कार्यकलाप का विस्तार किया गया। चूंकि मंत्रालयों/विभागों में लागत/मूल्य निर्धारण का काम काफी बढ़ गया है इसलिए अन्य कई मंत्रालयों/विभागों ने ऐसे कार्यों,
जिनमें लागत/वाणिज्यिक लेखा संबंधी मामलों में विशेषज्ञता की जरूरत होती है, के लिए अधिकारियों की सेवाएं लेकर इन-हाउस विशेषज्ञता हासिल करने की
शुरुआत कर दी है। उदारीकरण के बाद के इस दौर में यह कार्यालय लागत मूल्यांकन के परंपरागत अध्ययनों के अलावा सरकार की उदारीकरण की नीति के साथ-साथ
समक्रमण करते हुए अध्ययनों का आमंत्रण प्राप्त कर रहा है तथा संचालन कर रहा है।
4. मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय भारतीय लागत लेखा सेवा (आई सी ए एस) का संवर्ग
नियंत्रण कार्यालय भी है तथा विभिन्न प्रतिभागी संगठनों में कार्यरत आई सी ए एस अधिकारियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन देने के अलावा यह कार्यालय अधिकारियों
के ज्ञान और कौशल में लगातार वृद्धि करने के लिए उनकी प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों को देखता है।
5. मुख्य सलाहकार लागत कार्यालय के प्रमुख व्यावसायिक कार्यक्षेत्र निम्नलिखित हैं :-
(i) मिश्रित मूल्य/लागत से संबंधित मामलों को सुलझाने में केन्द्रीय
सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/संगठनों/राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों को विभिन्न सेवाओं/उत्पादों हेतु उचित मूल्यों को नियत
करने में सहयोग देना।
(ii) सरकारी विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा आपूर्तिकर्ताओं
के बीच क्रय करारों के कारण जनित दावों की जांच/सत्यापन।
(iii) आपूर्तिकर्ता संगठनों के साथ मूल्यों पर आपसी विचार-विमर्श
के लिए सरकारी विभागों को समर्थ बनाने में सरकार को आपूर्ति किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के मूल्यों का निर्धारण करना।
(iv) लागत/उचित मूल्य निर्धारित करने के लिए इकाई विशिष्ट के
साथ-साथ उद्योग स्तर के अध्ययन तथा उत्पादों के लिए उचित मूल्यों/दरों तथा सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभारों, इन प्रभारों के
पुनर्वलोकन के लिए सिफारिशें करना तथा प्रभारित मूल्यों, शुल्क संरचना आदि की तर्कसंगतता का भी निर्धारण करना।
(v) अधिगृहीत व्यवसाय की परिसंपत्तियों एवं देयताओं तथा सार्वजनिक
क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों का मूल्यांकन।
(vi) लागत/वित्तीय तथा मूल्य निर्धारण संबंधी मामलों के संबंध में
सरकार/विभिन्न विभागों द्वारा गठित समितियों के अध्यक्ष/सदस्यों के रूप में कार्य करना।
(vii) औद्योगिक उपक्रमों की लागत एवं निष्पादन लेखापरीक्षा।
(viii) उर्वरक उद्योग समन्वय समिति द्वारा निर्धारित यूरिया
निर्माणकारी एककों के वृद्धिदावों की समवर्ती आंतरिक लेखापरीक्षा।
(ix) सब्सिडी से होने वाली हानि तथा दावों का सत्यापन।
(x) अधिसमय और अधिलागत, दक्षता एवं प्रतिस्पर्धा संबंधी अध्ययन।
(xi) मूल्य निर्धारण के विवादों को सुलझाने में विवाचक।
(xii) केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के प्रयोजन से कटौती दर के निर्धारण
संबंधी मामलों पर सलाह।
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